Tuesday, March 26, 2013
Monday, July 19, 2010
न्यू सोसिअल work
पिछले बीस सालो में कोई बाद आंदोलन नहीं हुआ है ,और अब कोई बड़ा आन्दोलन की आशा करना भी निरर्थक होगा क्यू की जमाना बदल गे है वैसी ही तत्त्व भी बदल गए है ,अब बड़े आदर्शो के पीछे भागनकम हुआ है और उसका नतीजा छोटे - चोट्टे आंदोलनों में हुआ है
Monday, November 23, 2009
मानव और जानवर में क्या फर्क है ,यह बात बहोत दिनों से मेरे दिमाग में जूल रही है .इस प्रश्न का उत्तर वैदिक कल से चले आ रहे उन किताबों में से दिए जाते है जिनका आज के समाज से कोई तालुक न हो , फिर भी मै एक बात यहाँ कहना चाहूँगा की ,मानव पहले गुफा में रहता था ,जंगल में रहता था ,आज वह सीमेंट के घरो मै रहने लगा है ,पर क्या वो समाज में रहने के layak रह गया है ,क्या वह फ़िर से इतिहास को दोहरा रहा है ,क्या वह नैतिकता नही भूल जा रहा है ............
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